CAA Rule news: को लेकर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गारंटी पर उठे 10 बड़े सवाल ?

CAA Rule news लागू करने के पीछे का असली वजह क्या है। क्यों मोदी सरकार हर साल इस CAA कानून को लागू करने की धमकी देते रहे हैं।

आखिरकार इस कानून को लागू करने के पीछे का असली मकसद क्या है।
आपको याद होगा कि स्टेट बैंक इंडिया ने कर दिया था कि जिन लोगों ने सीक्रेट तरीके से चुनावी चंदा दिया है। हम वह जानकारी 30 जून तक नहीं दे सकते हैं। मगर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये जानकारी 12 मार्च तक पहुंचाइये। और इस जानकारी को चुनाव आयोग 15 मार्च तक सार्वजनिक करें।

उसी दिन CAA rule news यानी नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जो 2019 में पारित हो गया था। उसके नियमों की लेकर अधिसूचना आज जारी कि जा रही है। यानी कि करीब 4 साल बाद
कहां जा रहा है कि इनका मकसद सिर्फ यही है कि किसी तरह से सीक्रेट चुनावी चंदे को लेकर के मोदी सरकार को जो शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।

caa rule news
caa rule news in hindi

CAA Rule news को लेकर न्यूज़ चैनल वालो ने पुरे देश में मचाई खलबली ?

क्योंकि इस वक्त जो तमाम न्यूज़ चैनल पर खबरें चल रही है। उसमें से कोई टीवी चैनल इलेक्ट्रॉलिक बांड पर चर्चा नहीं कर रहा है। सब लोग CAA कानून के ऊपर चर्चा कर रहे हैं। CAA Rule news को लेकर कहां जा रहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 को देशभर में लागू कर दिया गया था।

इससे जुड़े नियम को आज अधिसूचित कर दिया गया है। CAA पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए है। CAA के नियम जारी होने के बाद

अब केंद्र सरकार 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर मुस्लिम प्रवासिय हिंदू, मुस्लिम, पारसी, सिक्ख, इसाई, जैन, बौद्ध, को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।

caa rule news

CAA Rule news को लेकर सामने आई बड़ी खबर ?

आपको जानकर हैरानी होगी कि CAA और NRC इन दोनों को जब मिलाया गया तो इसका विरोध लखनऊ के साहिन बाग में किया गया। यानी कि अब मोदी सरकार यह चाहती है। कि सरकारी चुनाव के दिन सिर्फ दो महीने रह गए हैं। किसी तरह से एक बार फिर विवाद पैदा किया जाए।

उन मुद्दों को दबा दिया जाए जिसको लेकर हमे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा था। यही बात विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए जय राम नरेश ने कहा है। कि दिसंबर 2019 में संसद भवन द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को 4 साल और 3 महीने लग गए।

प्रधानमंत्री मोदी सरकार यह दावा करते हैं कि उनकी सरकार एक प्रोफेशनल ढंग और समयबद्ध तरीके से काम करती है। CAA के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री का सफेद झूठ की एक और झलक है।

caa rule news

CAA Rule news को लेकर आज-कल सोसल मीडिया पर खूब हल्ला मचा हुआ है |

नियमों की अधिसूचना के लिए 9 बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया। ऐसा आसपास चुनाव को ध्रुवीकृत करने का आश्वासन किया गया है।

विशेष रूप से या इलेक्ट्रॉलिक बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और शख्ति के बाद हैडलाइन को मैनेज करने का प्रयास लग रहा है। अब यहां पर लोगों के मन में यह सवाल उठना होगा कि आखिर यह इलेक्ट्रॉलिक बांड क्या होता है। ?

CAA Rule news के अनुसार आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि इलेक्ट्रॉलिक बांड से ये पता चलता है। कि किस तरह से आजाद भारत देश में पहली बार राष्ट्रीय बैंक को सुप्रीम कोर्ट में फटकार लगाई गई। पहली बार सरकार की मनसा पर सवाल उठे, पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गारंटी पर सवाल उठे। खासतौर से भ्रष्टाचार को लेकर

इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान सामने आया है उन्होंने अपने बयान में कहा है कि जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं। तो दूसरों के लिए नागरिकता कानून लाने से क्या होग।
जनता अब भटकावें की भाजपाइयों के खेल को समझ चुकी है।

CAA Rule कब से पारित किया गया ?

caa rule दिसंबर 2019 में संसद भवन द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को 4 साल और 3 महीने लग गए।

CAA Rule किन-किन लोगो पर लागू होगा ?

दिसंबर 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर मुस्लिम प्रवासिय हिंदू, मुस्लिम, पारसी, सिक्ख, इसाई, जैन, बौद्ध, को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।

इलेक्ट्रॉलिक बांड क्या होता है। ?

इलेक्ट्रॉलिक बांड से ये पता चलता है। कि किस तरह से आजाद भारत देश में पहली बार राष्ट्रीय बैंक को सुप्रीम कोर्ट में फटकार लगाई गई। पहली बार सरकार की मनसा पर सवाल उठे, पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गारंटी पर सवाल उठे।

Leave a Comment